किताब मे एक मज़मून है
मज़मून में एक शायर है
शायर के हाथ मे कलम है
कलम के स्याही में कुछ अधूरी कहानी है
कहानी में कुछ मजबूरियां हैं
मजबूरी में आशिकी है
आशिक के कुछ सपने हैं
सपने में एक शहजादी है
शहजादी के आंगन में एक बाग है
बाग में बागबां है
बागबां से शहजादी को mohabbat है
Mohabbat में दोनों मशगूल हैं
इधर शायर भी इश्क़ में है
शायर के इश्क़ से बेख़बर शहजादी है
शहजादी k बालों में कुछ हरारत है
हरारत में शायर है
शायर ख्वाब में है
अब ख्वाब टूट चुके हैं
अब एक नया मज़मून है
मज़मून किताब मे है
और किताब बन्द है
मेरी जिंदगी एक बन्द किताब है
Mohd Mimshad
👍
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