उसे वापस बुलाने के लिए
Gar मिन्नतों से वो वापस आ जाए
फिर ये इश्क कैसा
2)गलती ye nahi ki मैंने इश्क किया
बस कामयाब होने से पहले कर लिया
3)Sher o शायरी to bas dil बहलाने ka ज़रिया है
Warna lafz kagaz par उतारने से महबूब लौटा नहीं करते
4) क्या बताऊँ apne bare me तुम्हें
Gar समझने ki कशिश hoti तुममें
तो दूर जाते ही क्यों,
बहकावे में किसी और के आते ही क्यों
5) आज aa गया तो क्या खूब है
कल का क्या मालूम
मैं कहीं काफिर न बन जाऊँ
Gar तू sakl e khuda भी इख्तियार कर ले
6) मजबूरियां बहुत है मेरी
परेशानियों का shailab aaya hai
अपने ख्वाहिशें kadmo tale रौंद कर
Mai aik naya फलसफा लिखने chala hu
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