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Saturday, 18 March 2023

MM RAZA #05

1) लिखने का shouk मुझे भी बहुत है 
    लेकिन मेरा ख्वाब मुझे इजाज़त नहीँ देता 
    Badshaho की भी क्या badshahat देखी 
    Birbal को अकबर बनते नहीं देखा 
    Phir भी कतरा e इश्क chalak जाता है 
    कुछ अल्फाजों के sakal में 
    Warna badshahat के अलावा कुछ नहीं देखा

2) तारीफों के dairey से निकलना चाहता हूँ 
    Khud ka aik नया wajood banana chahta hu
    ये तारीफ, ये बड़ाई, ये नुमाइश 
    सब ने बड़ा रुशवा किया है मुझे 
    अपनी तारीफ़ be खौफ़ होकर 
    खुद kar saku
     Ye तराना आसमान में लिखना चाहता हूँ

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