Followers

Thursday, 9 March 2023

About The Great Indian THAR Desert

मैं वो सहारा जिसे पानी की हवस ले डूबी
तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं
- सुल्तान अख़्तर 


हैरत से तकता है सहरा बारिश के नज़राने को
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को
- उस्मानी


हमें रंजिश नहीं दरिया से कोई
सलामत गर रहे सहारा हमारा
- सिराज फ़ैसल ख़ान 

 

राब्ता क्यूँ रखूँ मैं दरिया से
प्यास बुझती है मेरी सहारा से
- ज़फ़र इक़बाल ज़फ़र

मैं था जब कारवाँ के साथ तो गुलज़ार थी दुनिया
मगर तन्हा हुआ तो हर तरफ़ सहारा ही सहरा था
- मनीश शुक्ला 


मेरे माथे पे उभर आते थे वहशत के नुक़ूश
मेरी मिट्टी किसी सहारा से उठाई गई थी
- क़मर अब्बास क़मर 

बाग़ में लगता नहीं सहारा से घबराता है दिल
अब कहाँ ले जा के बैठें ऐसे दीवाने को हम
- नज़ीर अकबराबादी 


हर कोई दिल की हथेली पे है सहारा रक्खे
किस को सैराब करे वो किसे प्यासा रक्खे
- अहमद फ़राज़ 

भड़काएँ मिरी प्यास को अक्सर तिरी आँखें
सहारा मिरा चेहरा है समुंदर तिरी आँखें
- मोहसिन नक़वी 


है अजब फ़ैसले का सहारा भी
चल न पड़िए तो पाँव जलते हैं
- जौन एलिया

No comments:

Post a Comment

नाउम्मीद

मैंने एक कहानी उस दिन लिखा था  जब शायद मैंने उनके आंसुओ के दरिया में अपना चेहरा देखा था उनकी आंसु एक अलग कहानी बता रही थी  शायद कहीं वो मुझे...