Followers

Tuesday, 22 August 2023

बाबा की कुर्बानी

कल मैंने तुम्हारे कुछ हिसाब देखे 
कुछ अनोखे सवाल मिले तो 
कई ज़वाब गुमनाम मिले 
Abba इतने अकेले थे तुम..
कुछ तो बात करते हमसे 
हम तो साथ ही थे ना...

तेरे जगह को कैसे पूरा करू मैं 
तेरे चाहने वालों को कैसे शांत करू मैं 
बहुत परेशान हैं तेरे बगैर हम सब 
क्या करूं कैसे सब को ज़वाब दू मैं 
कुछ तो बात करते हमसे 
हम तो साथ ही थे ना...

बहुत अकेले हूँ तेरे बिना 
दुनिया वैसी ही मिल रही है जैसा तुझसे सुना 
चाहने वालों की गिनती कम है 
लूटने वाले हर जगह मिल रहे हैं 
कुछ तो बात करते हमसे 
हम तो साथ ही थे ना...

 बलिदानों की कोई कीमत नहीं इस दुनिया मे 
 ज़ज्बात का सिर्फ़ मजाक बनता है लोगों की जुबा में 
तुम सही ही तो कहते थे 
बहुत मुश्किल है इस ज़माने का सामना करना 
तेरी हर एक बात पत्थर की लकीर निकली 
सीखा देते मुझे भी 
कितना आसान होता दुनिया के सामने खडा होना 
कैसे करते थे अकेले सब कुछ 
कुछ तो बात करते हमसे 
हम तो साथ ही थे ना...
 
मंज़िल तो मेरी कुछ और थी ना 
सपने कुछ तुमने भी तो सजाये थे 
Abba आखिर क्यों छोर कर चले गए 
इस बेरहम सी दुनिया मे एक्दम अकेला कर गए 
तेरी जिम्मेदारी, तेरे सपनों को कैसे अकेले पूरा करू मैं 
किससे अब मदद मांगू मैं
सब कुत्तों की तरह नोचने लगे हैं 
अपनों के भी नियत अब बदलने लगे हैं 
 इन सब बोझ को कैसे उठाते थे 
कुछ तो बात करते हमसे 
हम तो साथ ही थे ना..

आज याद तेरी बहुत आती है 
तेरे हर दांट सुनने को कान तरसती है 
बहुत बाते थी तुझसे करने को 
अब किस को अपने दिल का हाल सुनाऊं मैं 
कोई decision लेना हो तो किसके पास जाऊँ मैं 
तुम किस से बाते करते थे 
किस को दिल का हाल सुनाते थे 
मैं तो अब लौट आया  था ना 
कुछ तो बात करते हमसे 
हम तो साथ ही थे ना..

Abba फिर भी तेरा शुक्र है 
तूने मुझे एक खुशनसीब बेटा बनाया 
जहां भी जाऊँ 
सब ने तेरा नाम जताया 
दिल को एक अलग सा सुकूं मिला 
जब तारीफ़ तेरा मैंने औरों से सुना 
तेरे नाम को कभी मिटने नहीं दूंगा 
सारी जिम्मेदारी मैं अपने सर उठाऊंगा 
ख्वाब तेरे मैं पूरा करूंगा सारे 
ये तुझसे वादा रहा मेरा 
बस हमसाया बन साथ रहना मेरे 
एक नया परचम लहराउंगा नाम के तेरे 


Mohd Mimshad




No comments:

Post a Comment

नाउम्मीद

मैंने एक कहानी उस दिन लिखा था  जब शायद मैंने उनके आंसुओ के दरिया में अपना चेहरा देखा था उनकी आंसु एक अलग कहानी बता रही थी  शायद कहीं वो मुझे...