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Monday, 13 March 2023

मुझे ऐसा ही रहने दो।

मैं जैसा भी हूं मुझे
मुझ जैसा ही रहने दो
गर मेरी तकलीफों में
मैं खुश हूं तो
मुझे वैसा ही रहने दो।

क्यों बदलने की मुझको तुम
करते हो कोशिशें तमाम
फूल हूं तो खुशबू लो
पत्थर हूं तो फेक दो
मैं अच्छा हूं या हूं बुरा
जैसा हूँ वैसा ही रहने दो।

तुम्हें क्यों फिक्र है मेरी
कि मैं अलग हूं थोड़ा
मत परवाह करो मेरी
मैं बेपरवाह ही उम्दा हूं
गर लगता है ये तुमको
कि मर जाऊंगा मैं एक दिन
तो खामोश ही अच्छा हूं
मुझे ऐसा ही रहने दो।


मोहम्मद मिमशाद

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