हम दोनों ही हैं अनजान चलो मान लिया।।
तूमने ठानी है न छोड़ोगे कहीं का मुझको।
खुद ही बन बैठे हो भगवान चलो मान लिया।।
तोड़ कर वादे, वफ़ा, कसमें चली जाती हो।
तुमने मुझपे किया एहसान चलो मान लिया।।
है यकीं तुमको किसी और की हो जाओगी।
पूरे कर लोगी तुम अरमान चलो मान लिया।।
मैने गिरने से बचाया है कई बार तुम्हें।
अब संभालोगी तुम तूफ़ान चलो मान लिया।।
इश्क़ बनकर कभी दिल में रहा करते थे।
चंद लम्हों के थे मेहमान चलो मान लिया।।
मुझे पहचानने की भूल कभी न करना ।
तुमने जारी किया फ़रमान चलो मान लिया।।
हजारों आरज़ू का तूने कत्ल कर डाला।
तुझसे बेहतर नहीं इंसान चलो मान लिया
बस फक्त जिस्म से ये जान निकल जाएगी।
मैं न होऊंगा परेशान चलो मान लिया।।
यूं तो बरसों ही संभाला है मुझे तुमने मगर।
तुम नहीं मेरे निगेहबान चलो मान लिया।।
यूं तो हर रोज़ सिखाए तुझे दुनिया के हुनर ।
हम हमेशा से हैं नादान चलो मान लिया।।
खुद से मेंहदी ने बसाया है गजलों का शहर।
मेरे बस का नहीं उनवान चलो मान लिया।।
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