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Thursday, 18 May 2023

समझाना क्या था

जब इकतरफा फैसला था तो
समझना समझाना क्या था
उसको जाना था वो चला गया
तो रोना रुलाना क्या था

जिनके हिस्से में होते हैं सितारे
उनकी किस्मत में रात भी होती है
जब दोनों हैं नसीब में तो
खोना और पाना क्या था।

ये जीवन है खेल बस
मरने और जीने का
जब मालूम ही था कि जाना ही है
फिर मातम मनाना क्या था।

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