जिस्मों की है भूख इसे और खून की प्यासी है
सब कुछ लेगी छीन मोहब्बत कुछ ना रहेगा पास तेरे
रह जाए बस मृत शरीर यह रूह भी साथ ले जाती है
तेरे हाल पर हंसेगी दुनिया और पत्थर तुझको मारेगी
नोच खाती है यह मोहब्बत और गम देने की आदी है
गली-गली तू फिरे भटकता बने ना कोई रफीक तेरा
घर-बार से करती दूर मोहब्बत बड़ा यार तड़पाती है
है शक तुझे मेरी बातों पर मुझे देख मेरे हाल को देख
मैं करता था जिसे मोहब्बत उसकी अगले बरस शादी है
कभी हम भी होते थे आशिक अब तो यार शराबी है
कोई हमसे पूछे क्या है मोहब्बत मैं कहूं बर्बादी है
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