mujh me tabir nahi tere muhabbat ki
सकल, रंग, रूप मुझे किसी का ख्याल नहीं
मैं मुश्ताक tha तेरे aamad की
तूने सच्चाई बताई इस kadar मुझको
मेरे हसद ने ही जान ले ली मुझ गरीब की
मैंने एक कहानी उस दिन लिखा था जब शायद मैंने उनके आंसुओ के दरिया में अपना चेहरा देखा था उनकी आंसु एक अलग कहानी बता रही थी शायद कहीं वो मुझे...
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