हाथों में वज़ू का पानी है
और लबो में शिद्दत की प्यास है
सामने खाने का इन्तेजाम है
लेकिन व्यक्त पूरा होने का फिर भी इन्तेज़ार है
मैंने एक कहानी उस दिन लिखा था जब शायद मैंने उनके आंसुओ के दरिया में अपना चेहरा देखा था उनकी आंसु एक अलग कहानी बता रही थी शायद कहीं वो मुझे...
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