गर्द व ग़ुबार है तुम्हारे चारों सू, मैं कांटों सा tanha हूँ
बेवफ़ाई का सलीक़ा nahi आता मुझे
मैं लोगों की सलामती की दुआ karta हूँ
मैंने एक कहानी उस दिन लिखा था जब शायद मैंने उनके आंसुओ के दरिया में अपना चेहरा देखा था उनकी आंसु एक अलग कहानी बता रही थी शायद कहीं वो मुझे...
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