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Sunday, 15 October 2023

फ़लस्तीन कथा इन शॉर्ट

घर था तीन कमरों का। उसमें चार लोगों का एक परिवार रहता था। 
बाहर से एक बंदा आया। लोगों ने किराए पर एक कमरा दे दिया। कुछ महीनों बाद उसने वरांडा क़ब्ज़ा कर लिया। लोगों ने सवाल किए तो चीखने लगा कि मुझ पर अत्याचार हो रहा। पड़ोसी ने सहायता की और उसने एक और कमरा क़ब्ज़ा कर लिया। 
पंचायत ने फ़ैसला दिया कि बाहर से आये आदमी को दो कमरे मिलेंगे। एक कमरा और वरांडा मकान मालिक का होगा। पंचायत का हेड दोस्त था बाहरी का। 
बाहरी ने फ़ैसला नहीं माना और दोनों कमरों के साथ वरांडा भी क़ब्ज़ा कर लिया। फिर कुछ दिन बाद किचन भी क़ब्ज़ा कर लिया। आख़िर में पूरा घर क़ब्ज़ा कर लिया और पिछवाड़े की जगह मालिक को दे दी। बाहरी ने अपने रिश्तेदारों को भी बुला लिया। 
बाहरी का दावा था कि उसके पूजाघर में रखी किताब में लिखा है कि यह घर उसका है और उसके पुरखे 3300 साल पहले 70 दिन यहाँ रह चुके हैं। 
पिछवाड़े में वे शेड डालकर रहने लगे। बाहरी ने बिजली काट दी। पानी की सप्लाई रोक दी। फिर एक दिन उस घर के लड़के को इतना मारा की हड्डी टूट गई। बाप समझाने गया तो उसको भी मारा। 
दूसरे लड़के को ग़ुस्सा आ गया। उसने धक्का दे दिया और बाहरी गिर पड़ा। 
बाहरी का दोस्त पड़ोसी चिल्लाया - आतंकी है यह लड़का। गुंडा है। मारो इसको मैं साथ हूँ। पड़ोसी के दिये हथियार से बाहरी पूरे घर को मारने लगा। 
उस घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर कुछ सियार रहते थे। पड़ोसी की आवाज़ सुनकर चिल्लाने लगे-मारो मारो मारो

Md Tanweer Alam

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