उन्हीं पत्थरो पर कामयाबी की लकीर खिंच
फसल भले ही धूप में जले
तू उसको एक बार फिर से सिंच
देखना कामयाबी खुद कदम चुमेगी
रुसवा जो हैं तुझसे
एक बार फिर स्वागत करेगी
मैं क्या दु तुझे दुआऐ
खुद किस्मत ने दरिया के भंवर में डुबोया मुझे
कहने के लिए ही सही तू कुछ तो मान
दुआ है मेरी
हमेशा साथ तेरी
रुस्वाई पर फतेह करे तू
अपने सारे ख्वाब पूरे करे तू
कांटों की लहरों से निकल कर
फ़ूलों की खुशबु से अपनी पहचान लिखे तू
माँ सरस्वती की कृपा रहे
लक्ष्मी जी भी तुझ में वास करे
माँ पार्वती सी दुनिया में राज करे तू
कभी दूर्गा बन
किसी राम को उसके मंजिल तक पहुंचाए तू
*Wishing You The Happiest Birthday*
Mohd Mimshad
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