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Monday, 10 July 2023

अपने सामान को बांधे इस सोच में हू 
जो कहीं के नहीं रहते वो कहाँ जाते हैं 

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नाउम्मीद

मैंने एक कहानी उस दिन लिखा था  जब शायद मैंने उनके आंसुओ के दरिया में अपना चेहरा देखा था उनकी आंसु एक अलग कहानी बता रही थी  शायद कहीं वो मुझे...