दिल भी अब पत्थर बनता जा रहा है
तुम गैरों की बात करते हो
मुझे तो अब खुद पर भी भरोसा नहीं
मेरे अंदर खून नहीं
आंसुओ का दरिया बनता जा रहा है
मैंने एक कहानी उस दिन लिखा था जब शायद मैंने उनके आंसुओ के दरिया में अपना चेहरा देखा था उनकी आंसु एक अलग कहानी बता रही थी शायद कहीं वो मुझे...
No comments:
Post a Comment