फिर आज कहाँ है तू जब जरूरत है सिर्फ तेरी
बेशक तू सब जानने वाला है
फिर भी तुझे बता रहा हूं
ऐ खुदा सुन ले मेरी
मैं बहुत परेशान हूं
सुना था तुझे याद करने की ही देर है
अब तो दुआवो में भी सब कुछ बताता हूं
क्या करूं मैं, कुछ तो रास्ता दिखा मालिक
अब बस सहारा तेरा ही है
बेशक मैं ग़लतियों का पुतला हू
लेकिन रहीम तू भी तो है
ऐ मेरे खुदा माफ़ी देदे
अब सब कुछ सही करदे
बेशक तू सब जानने वाला है
फिर भी तुझे बता रहा हूं
ऐ खुदा सुन ले मेरी
मैं बहुत परेशान हूं
Mohd Mimshad